Index Search for 'एकस्तत्र' |
Shloka: | एकस्तत्र बलोपेतो धुरमुद्वहतेऽधिकाम् । अपरोऽल्पबलप्राणः कृशो धमनिसंततः । कृच्छ्रादुद्वहते भारं तं वै शोचामि वासव ॥ |
Reference: | 3.29.10.0.12(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>दशमोऽध्यायः (10)>श्लोक#12) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | दशमोऽध्यायः (10) |
Akhyana: | |
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