Index Search for 'एकरात्रं' |
Shloka: | सुखोषितास्तत्र तएकरात्रं सूतानुपादाय रथांश्च सर्वान् । घटोत्कचं सानुचरं विसृज्य ततोऽभ्ययुर्यामुनमद्रिराजम् ॥ |
Reference: | 3.36.174.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आजगरपर्व>चतुःसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आजगरपर्व |
Adhyaya: | चतुःसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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