Index Search for 'एकपादस्थितस्तीव्रं' |
Shloka: | ऊर्ध्वबाहुर्विशालायां बदर्यां स नराधिपः ।एकपादस्थितस्तीव्रं चचार सुमहत्तपः ॥ |
Reference: | 3.37.185.0.4(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>पञ्चाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#4) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | पञ्चाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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