Index Search for 'एकपाणेन' |
Shloka: | ततः प्रावर्तत द्यूतं पुष्करस्य नलस्य च ।एकपाणेन भद्रं ते नलेन स पराजितः । सरत्नकोशनिचयः प्राणेन पणितोऽपि च ॥ |
Reference: | 3.32.77.0.18(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>सप्तसप्ततितमोऽध्यायः (77)>श्लोक#18) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्ततितमोऽध्यायः (77) |
Akhyana: | |
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