Index Search for 'एकपत्न्यश्च' |
Shloka: | एकपत्न्यश्च या नार्यो याश्च सत्यं वदन्त्युत । कुक्षिणा दश मासांश्च गर्भं संधारयन्ति याः । नार्यः कालेन संभूय किमद्भुततरं ततः ॥ |
Reference: | 3.37.196.0.9(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षण्णवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#9) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षण्णवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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