Index Search for 'धर्मद्वारावहितैश्च' |
Sutra: | धर्मद्वारावहितैश्च व्यपगतभयरागद्वेषलोभमोहमानैर्ब्रह्मपरैराप्तै: कर्मविद्भिरनुपहतसत्त्वबुद्धिप्रचारै: पूर्वै: पूर्वतंरैर्महर्षिभिर्दिव्यचक्षुभिर्दृष्ट्वोवदिष्ट: पुनर्भव इति व्यवस्येदेवम्॥ |
Reference: | 1.10.29.0(सूत्रस्थान>महाचतुष्पादाध्याय>सूत्र#29.0) |
Sthana: | सूत्रस्थान |
Adhyaya: | महाचतुष्पादाध्याय |
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