Index Search for 'आगन्तुर्भूतविषवाय्वग्निसंप्रहारादिसमुत्थ:' |
Sutra: | तत्र निज: शारीरदोषसमुत्थ:आगन्तुर्भूतविषवाय्वग्निसंप्रहारादिसमुत्थ: मानस: पुनरिष्टिस्य लाभाल्लाभाच्चानिष्टस्योपजायते॥ |
Reference: | 1.10.45.0(सूत्रस्थान>महाचतुष्पादाध्याय>सूत्र#45.0) |
Sthana: | सूत्रस्थान |
Adhyaya: | महाचतुष्पादाध्याय |
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