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AUSHADHI NAME |
HINDI |
VARGA |
SYNONYMS |
SHLOKA |
SHLOKAHINDI |
SCINTIFIC NAME(LATIN) |
मत्स्य | हाऊबेर | हरीतक्यादिवर्गः | हाऊबेर- हपुषा, हबुषा, विस्रा। मत्स्यगन्धा- अश्वत्थफला, मत्स्यगन्धा, प्लीहहंत्री, विषघ्नी, ध्वांक्षनाशिनी, अश्वत्थफला। | तन्मध्ये प्रथमफलं मत्स्यवद्विस्रगंधकम्। द्वितीयमश्वत्थफलसदशं मत्स्यगंधि च॥१०४॥ हपुषा हबुषा विस्रा पराश्वत्थफला मता। मत्स्यगन्धा प्लीहहन्त्री विषघ्नी ध्वांक्षनाशिनी॥१०५॥ हपुषा दीपनी तिक्ता मृदूष्णा तुवरा गुरुः। पित्तोदरसमीरार्शो ग्रहणीगुल्मशूलहृत्। पराप्येतद्गुणा प्रोक्ता रूपभेदो द्वयोरपि॥१०६॥ | हाऊबेर-अग्निप्रदीपक, कड़वा, कोमल, गरम, कसैला, भारी और पित्त, उदर, वायु, बवासीर, संग्रहणी, गुल्म तथा शूलरोगनाशक है। दूसरी भी यही गुण करती है केवल रूप भेद है। | Juniperus communis | मत्स्य | कुटकी | हरीतक्यादिवर्गः | कट्वी, कटुका, तिक्ता, कृष्णभेदा, कटम्भरा, अशोका, मत्स्यशकला, चक्रांगी, शकुलादनी, मत्स्यपित्ता, काण्डरुहा, रोहिणी, कटुरोहिणी | कट्वी तु कटुका तिक्ता कृष्णभेदा कटंभरा। अशोका मत्स्यशकला चक्राङ्गी शकुलादनी॥१४४॥ मत्स्यपित्ता काण्डरुहा रोहिणी कटुरोहिणी। कटुका कटुका पाके तिक्ता रूक्षा हिमा लघुः॥१४५॥ भेदिनी दीपनी हृद्या कफपित्तज्वरापहा। प्रमेहश्वासकासास्रदाहकुष्ठक्रिमिप्रणुत्॥१४६॥ | रस में कड़वी, पाक में तीखी, रूखी, शीतल, हल्की, मलभेदक, अग्निदीपक, हृदय को हितकर और कफपित्त, ज्वर, प्रमेह, श्वास, खांसी, रुधिरविकार, दाह, कोढ़ तथा कृमिनाशक है। | Picrorhiza kurroa |
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